Monday, August 4, 2008

आतंक के मोहरे या बलि के बकरे ?

अहमदाबाद धमाकों के बाद एक मौलाना की संदिग्ध गिरफ्तारी तो केवल बानगी भर है. तीन महीने की गहन पड़ताल के बाद ऐसे ही तमाम मामलों पर रोशनी डालती अजित साही की रिपोर्ट.

full story: http://hindi.tehelka.co.in/investigation/97.html


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