Tuesday, December 6, 2011
बाबा साहब को हार्दिक अभिवादन !
........उन्होंने सिर्फ एक मस्जिद पर ही हथोडा नहीं चलाया था ! उनकी नियत देश के संविधान के ढांचे को पस्त करने की थी ! समाज के तानबाने को काटने की थी ! पर उन बेवकुफो को ये कौन बताये के तुम एक मस्जिद के ढांचे को तो तोड़ सकते हो .....पर उन हिन्दुओका क्या करोगे जिन के दिलो में अल्लाह बसता हैं...!और उन मुसलमानों का क्या करोगे जो सदियों से राम की अजमत को सलाम करते आये हैं .... !और ये हिन्दू और मुस्लमान दोनों ही आंबेडकर के बनाये हुए संविधान को, सच्चे दिल से कबुल करते हैं ! ये संविधान हमे हिदायत देता हे की इस मुल्क में ...सभी ..हिन्दू, मुस्लमान,सिख, इसाई, बोद्ध ,पारसी , आस्तिक , नास्तिक, साम्यवादी , समाजवादी ,इत्यादि ....सब सम्मान से मिलजुल कर रहे ! और उन लोगो को से सचेत रहे ....जिन्होंने ६ दिसम्बर का नंगा नाच खेला था....!
बाबा साहब को हार्दिक अभिवादन !
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