एक के बाद एक उत्तर प्रदेश की कई बार असोसिएशनों ने आतंकवाद के आरोपियों की पैरवी करने न करने का फैसला कर रखा है। नतीजा पुलिस स्वच्छंद होकर आरोपियों को मुजरिम साबित करने के लिए कुछ भी कर रही है और आरोपी अपनी बात तक रखने की स्थिति में नहीं हैं...अनिल वर्गीज़ की रिपोर्ट...click here: http://www.tehelkahindi.com/InDinon/588.html
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