आज (शनिवारको ) मुंबई के आजाद मैदान में जो कुछ हुआ वो बहोत ही गंभीर और दुःख दायक घटना थी ! अब सरकार को चाहिए की जो भी लोग इसके लिए (सही माईने में ) जिम्मेदार है उन्हें सजा दी जाये और सही जांच द्वारा (जिसकी उम्मीद काफी कम है ) पूरी घटना का सच सामने लाया जाये ! ...मुझे इस बात में कोई शक नहीं जिन्होने ने भी ये हिंसाचार किया है वोह लोग न मुसलमानो के और न इंसानियत के हमदर्द हो सकते हैं ! पिछले कुछ
समय से देश में जो सांप्रदायिक हिंसा हो रही है, वोह क्या नियोजित तरीके से देश में सांप्रदायिक तनाव फ़ैलाने के लिए है ? चुनाव की तय्यारी है ? या सरकार की नाकामी ? या समाज में बढती असहनशीलता और एक दुसरे के लिए नफरत ?.....इन सवालो के जवाब हमे ढूढ़ने पड़ेंगे ..... नहीं तोह ये सिलसिला चलता रहेगा ...... लोग मरते रहंगे और हम उन मरे हुए और घायल लोगो को अपने अपने धर्म और विचार के अनुसार बाटते रहंगे और अपना अपना पक्ष (या दुकान ) चलाते रहंगे और एक दिन हमारा भी नंबर आएगा और हमारा भी बटवारा होगा ! .......सवाल का जवाब तलाश करो ......समय बीतता जा रहा है ........इंसानियत मर रही है ...और उस पर रोने वाला कोई नहीं !
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